दिल्ली हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: 'भावनाओं के आदान-प्रदान के बिना शादी महज एक कानूनी बंधन'
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि एक शादी (Marriage) जहां न तो भावनाओं का आदान-प्रदान होता है, न ही सपनों, खुशियों, दुखों, यादों (खुश या उदास) को साझा किया जाता है, केवल एक कानूनी बंधन (Legal Bond) है.
https://ift.tt/eA8V8J
https://ift.tt/eA8V8J
Comments
Post a Comment